▪️कुएं-बोरवेल के पानी से बुझा रहे प्यास
▪️8 गांवों में हो गयी जलापूर्ति प्रभावित
चंद्रपूर | रुपेश निमसरकार
जिले के मुल तहसील के बेम्बाल क्षेत्रीय जलापूर्ति योजना के माध्यम से पिने का शुद्ध पानी आठ गांवों के लोगों के लिए वरदान था। लेकिन बिजली भुगतान बकाया होने के कारण योजना में दो माह से बिजली आपूर्ति बाधित है. नतीजा यह है कि नागरिकों को गांव के कुएं-बोरवेल के पानी से अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है. लेकिन अशुद्ध जल के कारण जन स्वास्थ्य खतरे में है। परंतु प्रशासन द्वारा नागरिकों को पानी उपलब्ध कराने में विफल रहने से नागरिकों में व्यापक असंतोष व्याप्त है।
नागरिकों को स्वच्छ पानी की आपूर्ति करना जिला परिषद जल आपूर्ति विभाग का कर्तव्य है। लेकिन पिछले दो माह से क्षेत्रीय जलापूर्ति बाधित होने से प्रशासन के हाथ पांव फूल गये हैं. बेम्बाल क्षेत्रीय योजना के पानी पर निर्भर नांदगाव, गोवर्धन, घोसरी, नवेगांव भुज, कोरंबी, चेक दुगाला, बाबाराला, जुनासुर्ला इलाकों के निवासी अन्य स्रोतों के कुओं और बोरवेल के अशुद्ध पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं। इसका असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है.
वर्तमान समय में चिलचिलाती धूप बढ़ती जा रही है और भूमिगत जलस्तर गहराता जा रहा है। इसलिए साफ पानी की आपूर्ति करना जरूरी है. लेकिन बिजली बिल को लेकर प्रशासन पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, स्वच्छ जल की गंभीर समस्या को भी जनप्रतिनिधि नजरअंदाज कर रहे हैं. पानी की समस्या गहराने के बाद से नागरिक तीव्र आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं.
जलजीवन मिशन द्वारा उठी समस्याएं
हर घर पानी के नेक कार्य से जलजीवन मिशन के कार्यों को मंजूरी मिलने के बाद संबंधित ठेकेदार ने दो साल पहले गांव में सीमेंट सड़क के बीचों-बीच खुदाई कर सड़कों को जर्जर कर दिया है। लेकिन टंकी का निर्माण पूरा नहीं हो सका है. हालांकि, घोसरी ग्राम पंचायत के लालहेटी, बोंडाला खुर्द और अन्य गांवों में सीमेंट सड़क से यात्रा करना मुश्किल हो गया है। उम्मीद थी कि जलजीवन मिशन लाखों रुपये खर्च कर गांव में पानी की समस्या का समाधान करेगा पर काम रुका हुआ है. लेकिन, ठेकेदार व जलदाय विभाग के अधिकारी बेखबर हैं. कुल मिलाकर इस मिशन ने दिक्कतें खड़ी कर दी हैं.
